छत्तीसगढ़ शासन ,वित्त विभाग महानदी भवन अटल नगर, नवा रायपुर द्वारा राज्य शासन की महिला कर्मचारियों के लिए सन्तान पालन अवकाश के नियमों में संशोधन करते हुए दिनांक 4अक्टूबर 2018 को शासन के समस्त विभाग अध्यक्ष ,राजस्व मंडल ,बिलासपुर ,समस्त विभागाध्यक्ष ,स्न्मस्त सम्भागीय आयुक्त समस्त कलेक्टर को आदेश जारी किया गया है ,जोकि प्रभावशील है |
राज्य शासन की महिला कर्मचारियों के लिए सन्तान पालन अवकाश में संशोधित प्रारूप राजपत्र में प्रकाशित किया गया है , जिसके अनुसार राज्य शासन के महिला कर्मचारियों के लिए 18 वर्ष से कम उम्र के 2 ज्येष्ठ जीवित संतानों के पालन -पोषण हेतु संपूर्ण सेवा काल में अधिकतम 730 दिन की कालावधि के लिए सन्तान पालन अवकाश स्वीकृत किया जायेगा |
जैसाकि आपको स्पष्ट हो गया होगा , जीवित 2 ज्येष्ठ सन्तान के लिए अवकाश स्वीकृत किया जाना है , इस लिए किसी भी कर्मचारी को इस आदेश के इस लाइन को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए | दूसरी बात यह अवकाश सन्तान पालन के लिए ही स्वीकृत किया जाता है |
कहीं -कहीं ऐसी स्थिति निर्मित हो जाती है ,जहाँ तीसरे सन्तान के लिए अवकाश लेना पड़ जाता है , उस स्थिति में जीवित 2 सन्तान और सम्पूर्ण सेवा काल में अधिकतम 730 दिन की अवकाश स्वीकृति वाले बिंदु को ध्यान में रखने आवश्यकता है |
विधिक रूप से दत्तक सन्तान -
सन्तान पालन अवकाश उन संतानों के लिए भी लिया जा सकता है ,जिसको आपने गोद लिया है , परन्तु विधिक रूप से लिया गया दत्तक सन्तान होना चाहिए ,इसके साथ -साथ 2 जीवित सन्तान और सम्पूर्ण सेवाकाल का अधिकतम 730 दिन की अवकाश में से किसी भी नियम का आक्षेप न हो |
दिव्यान्गता वाले सन्तान -
सन्तान पालन अवकाश संशोधित नियम के अनुसार अवकाश स्वीकृत केवल 2 ज्येष्ट जीवित संतानों के पालन -पोषण के लिए लिया जा सकता ,जिनका उम्र 18 वर्ष से अधिक न हो ,परन्तु दिव्यन्गता वाले सन्तान के उम्र का कोई सीमा नही है ,परन्तु अवकाश की सीमा 730 दिन से अधिक नही होना चाहिए | दिव्यन्गता की स्थिति में उम्र का बंधन लागू उस स्थिति में नही होगा ,जब दिव्यन्गता 40 % या उससे अधिक होगा |
परिवीक्षा अवधि -
संशोधित सन्तान पालन अवकाश की सबसे बड़ी बाध्यता यह है कि परिवीक्षा अवधि में स्वीकृत नही किया जा सकता | विशेष परिस्थिति में परिवीक्षा अवधि में अवकाश स्वीकृत भी किया जाता है ,उस स्थिति में परिवीक्षा अवधि, अवकाश अवधि के बराबर अवधि तक बढ़ा दिया जाता है अर्थात परिवीक्षा अवधि में जितने दिन तक अवकाश में रहेंगी ,उसके बाद उतने दिन तक आगे परिवीक्षा अवधि बढ़ जायेगा |
सन्तान पालन अवकाश से जुड़ी कुछ महत्व पूर्ण बिंदु इस प्रकार है -
1. यह अवकाश एक कैलेंडर वर्ष में तीन बार से अधिक स्वीकृत नही किया जायेगा अर्थात राज्य शासन की कोई भी महिला कर्मचारी सन्तान पालन के लिए एक कैलेंडर वर्ष में अलग -अलग कर तीन बार अवकाश ले सकती है ,उससे अधिक बार अवकाश नही ले सकती |
यदि कोई अवकाश दो वर्ष में पड़ता है ,ऐसे में जिस वर्ष में अवकाश का अधिक दिन पड़ेगा ,वह उस वर्ष के लिए गणना किया जाता है | जैसे आपने तीन बार सन्तान पालन अवकाश लेते हैं और वह मान लीजिए 2020 के अंतिम माह और 2021 के प्रथम माह में पड़ता है ,ऐसे में अवकाश जिस माह में अधिक दिन पड़ेगा उस कैलेंडर वर्ष में गिना जायेगा |
2. किसी एक अवसर हेतु अवकाश की कोई अधिकतम सीमा नही होगी ,जबकि न्यूनतम सीमा 5 दिन की होगी अर्थात 5 दिन से कम का अवकाश नही लिया जा सकता |
इसका मतलब है यदि कोई भी महिला कर्मचारी सन्तान पालन के लिए अवकाश लेना चाहती है तो उसके के लिए कोई निर्धारित सीमा नही है अर्थात कोई भी महिला कर्मचारी शासन द्वारा निर्धारित 730 दिन में से अपने इच्छानुसार कितने दिन की अवकाश ले सकती है |
यदि कोई महिला कर्मचारी चाहे तो 730 दिन का अवकाश एक ही बार में ले सकती हैं ,परन्तु अगले सन्तान के लिए अवकाश की पात्रता नही होगी ,जबकि सन्तान पालन अवकाश 5 दिन से कम का नही लिया जा सकता |
3. स्वीकृति हेतु सन्तान पालन अवकाश अर्जित अवकाश के समान मानी जाएगी तथा उसी प्रकार स्वीकृत की जाएगी ,उक्त अवकाश हेतु तीन सप्ताह पूर्व आवेदन प्रस्तुत किया जायेगा ,विशेष परिस्थित में 10 दिन से कम अवधि के अवकाश स्वीकृति हेतु तीन सप्ताह की सीमा शिथिल हो जायेगा |
इस बिंदु के अनुसार सन्तान पालन अवकाश हेतु अवकाश हेतु निर्धारित तिथि के तीन सप्ताह पूर्व आवेदन प्रस्तुत करना पड़ेगा | विशेष परिस्थिति तीन सप्ताह की सीमा शिथिल रहेगी ,इसका मतलब है यदि आप 10 दिन से कम दिवस का अवकाश स्वीकृत कराना चाहते हैं ,उस स्थिति में तीन सप्ताह पहले आवेदन करने की आवश्यकता नही | आप इससे कम अवधि में भी अवकाश स्वीकृति के लिए आवेदन कर सकते हैं |
4. सन्तान पालन अवकाश हेतु अवकाश नियम ,2010 के प्रपत्र-1अ में प्रस्तुत किया जायेगा ,हम अपने इस आर्टिकल में 2010 प्रपत्र -1अ का प्रारूप उपलब्ध करा रहे हैं ,आप सभी जानकारी को ध्यान से पढ़ने के बाद आवश्यकतानुसार उक्त आवेदन प्रारूप को नीचे दिए गये लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं |
5. सन्तान पालन अवकाश के लिए केवल जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी , अवकाश आवेदन पत्र के कालम 10 में अवकाश का कारण स्पष्ट रूप से लिखना होगा | सन्तान पालन -पोषण के अवाला सन्तान पालन अवकाश परीक्षा ,बीमारी जैसे विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए भी लिया जा सकता है |
6. यदि कोई भी महिला कर्मचारी सन्तान पालन अवकाश लेती है , तब अवकाश में जाने के समय लागू दर से वेतन का भुगतान नियमित होगा ,अर्थात वेतन नही रोका जा सकता है |
7. सन्तान पालन अवकाश कार्यालय का सुचारू संचालन सुनिश्चित करते हुए स्वीकृतकर्ता अधिकारी द्वारा स्वीकृत किया जाता है ,सन्तान पालन अवकाश के लिए किसी प्रकार से दावा अधिकार नही किया जा सकता क्योंकि राजपत्र में सन्तान पालन अवकाश हेतु स्वीकृतकर्ता अधिकारी को प्रमुख बताया गया है | विधिवत अवकाश स्वीकृति के बाद ही कोई कर्मचारी अवकाश पर जा सकती है |
8. सन्तान पालन अवकाश से जुड़ी महत्वपूर्ण बिंदु में एक बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि सन्तान पालन अवकाश के दौरान राजपत्र में प्रकाशित आवकाश या सप्ताहिक अवकाश सन्तान पालन अवकाश के गणना में शामिल माना जायेगा अर्थात सन्तान पालन अवकाश अवधि में पड़ने वाले अवकाश सन्तान पालन अवकाश के साथ संयोजित किया जायेगा |
9. सन्तान पालन अवकाश शासन द्वारा राज्य के महिला कर्मचारियों को सन्तान के पालन -पोषण के लिए स्वीकृत किया जाता है ,इस लिए सन्तान पालन अवकाश ,अवकाश लेखा के विरुद्ध विकलित नही किया जायेगा तथा यह अवकाश किसी अन्य प्रकार के अवकाश के साथ संयोजित किया जा सकेगा |
अवकाश नियम व आवेदन पत्र के प्रारूप को डाउनलोड करने का लिंक