|| दीपावली – Deepawali ||
हर साल दिवाली अथवा दीपावली का त्योहार अक्टूबर या नवंबर
महीने में मनाई जाती है। इस साल अर्थात वर्ष 2022 में, दिवाली का
पावन त्योहार 24 नवंबर सोमवार को मनाई जाएगी।
यह एक महत्वपूर्ण और लोकप्रिय हिंदू त्योहार है। यह पूरे
भारत और दुनिया भर में मनाया जाता है। इस दिन लक्ष्मी पूजा की जाती है। इस पूजा को
दुकानदार अपनी दुकान के साथ-साथ घर पर भी करते हैं।
यह त्यौहार भगवान राम के चौदह वर्ष के वनवास के बाद वापसी
के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इसी दिन वे अयोध्या लौटे थे। अयोध्यावासियों ने
उनके स्वागत के लिए दीप जलाए गए।
त्योहार मनाने की तैयारी काफी पहले से शुरू हो जाती है। लोग
अपने घरों की सफाई और सफेदी करते हैं। व्यवसायी अपने कार्यालयों, दुकानों और गोदामों की
सफाई करते हैं। दीपावली के दिन सभी खुश होते हैं। बच्चे तरह-तरह के पटाखे और
मिठाइयां खरीदते हैं। कई स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए जाते हैं। शाम के समय सभी लोग
भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। हर कोई धन और समृद्धि के लिए
प्रार्थना करता है। ऐसा माना जाता है कि दीपावली पर देवी लक्ष्मी हमसे मिलने आती
हैं। बच्चे पटाखे चलाते हैं। दीये और दीप जलाए जाते हैं। आजकल घरों को सजाने के
लिए बिजली की बत्तियों और दीयों का प्रयोग किया जाता है। लोग अपने रिश्तेदारों और
दोस्तों को मिठाई और पटाखों से बधाई देते हैं।
घरों को पूरी तरह से साफ और सफेदी कर दिया जाता है। शाम
होते ही घरों में दिया, मोमबत्तियों और बिजली की रोशनी से रोशनी की जाती है। रात में पटाखे चलाए
जाते हैं। बच्चों को पटाखे फोड़ते समय सावधान रहने की चेतावनी दी जाती है क्योंकि
किसी भी तरह की लापरवाही से आग लग सकती है।
कुछ लोग इस त्योहार को सही तरीके से मनाते हैं। लेकिन, दीपावली के मौके पर कुछ
लोग जुआ खेलते हैं और शराब पीते हैं. पटाखे जलाने से कई बच्चे घायल हो जाते हैं।
पटाखों का धुआं और आवाज बुजुर्गों और शिशुओं को प्रभावित करती है। कई बार दुकानों
और घरों में आग लग जाती है। इससे जान-माल का भारी नुकसान होता है। इसलिए हमें
पटाखों को जलाते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
दिवाली नए मौसम का आगमन बनाती है। यह रावण पर अपनी जीत के
बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी करता है। दीपावली रोशनी और खुशियों का त्योहार है।
हमें कोई भी गलत काम करके इसे खराब नहीं करना चाहिए। दीपावली पर थोड़ी सी सावधानी
और संवेदनशीलता सभी के लिए खुशियां ला सकती है।
भारत के विभिन्न स्थान पर दिपावली मनाने की वजह:-
भारत के विभिन्न राज्यों में दिवाली
मानाने की अलग-अगल वजह है। उन में से कुछ प्रमुख निम्नवत् हैं-
- भारत के पूर्वी भाग में स्थित
उड़ीसा, बंगाल इस दिन माता शक्ति को, महाकाली का रूप धारण करने के वजह से मनाते हैं। और लक्ष्मी के स्थान
पर काली की उपासना करते हैं।
- भारत के उत्तरी भाग में स्थित पंजाब के लिए दिवाली बहुत
महत्व रखता है क्योंकि 1577 में इसी दिवस पर अमृतसर में स्वर्ण
मंदिर की नींव रखी गई थी। और इसी दिन पर सिक्खों के गुरु हरगोबिंद सिंह को
जेल से रिहा किया गया था।
- भारत के दक्षिण भाग में स्थित
राज्य जैसे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, आदि दिवाली पर, द्वापर में कृष्ण द्वारा
नरकासुर के वध के खुशी में कृष्ण की पूजा करके मनाते हैं।
विदेश में दिपावली का स्वरूप:-
- नेपाल – भारत के
अलांवा भारत के पड़ोसी देश नेपाल में दिपावली का त्योहार धूम-धाम से मनाया
जाता है। इस दिवस पर नेपाली कुत्तों को सम्मानित करते हुए उनकी पूजा करते
हैं। इसके अलांवा वह संध्याकाल में दीपक जलाते हैं तथा एक-दूसरे से मिलने
उनके घर जाते हैं।
- मलेशिया – मलेशिया
में हिंदुओं की संख्या ज्यादा होने के वजह से इस दिन पर सरकारी अवकाश दिया
जाता है। लोग अपने घरों में पार्टी आयोजित करते हैं। जिसमें अन्य हिंदू व
मलेशियाई नागरिक सम्मिलित होते हैं।
- श्रीलंका – इस द्वीप
में रह रहे लोग दिवाली के सुबह उठ कर तेल से स्नान करते हैं और पूजा के लिए
मंदिर जाते हैं। इसके अतिरिक्त यहां दिवाली के मौके पर खेल, आतिशबाजी, गायन, नृत्य, भोज आदि
आयोजित किया जाता है।
इन सब के अतिरिक्त अमेरिका, न्यूजीलैंड, मॉरिशस, सिंगापुर, रीयूनियन, फिजी में बसे हिंदुओं द्वारा यह पर्व मनाया जाता है।
दीपावली पर ध्यान रखने योग्य बातें:-
विशेषकर लोग दीपावली पर पटाखे जलाते हैं, यह पटाखे अत्यधिक खतरनाक
होते हैं। मस्ती में होने के वजह से अनचाही दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है।
अतः त्योहार के धूम-धाम में व्यक्ति को सुरक्षा का भी पूर्ण खयाल रखना चाहिए।
कई लोगों का मानना है, दिपावली के अवसर पर जुआ
खेलने से घर में धन की बाढ़ आ जाती है। इस कारणवश अनेक लोग इस अवसर पर जुआ खेलते
हैं। यह उचित व्यवहार नहीं है।
पटाखों के आवाज से अनेक बेजुबान जानवर
बहुत अधिक डरते हैं। इसके अलांवा बड़े-बुजुर्ग और गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज़ भी
इन ध्वनि से परेशानियों का सामना करते हैं। इसके साथ ही दिवाली के दूसरे दिन
प्रदुषण में वृद्धि हो जाती है।
दिपावली पर प्रमुख 10 लाइनें:-
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दिवाली का त्यौहार
हिंदूओ के प्रमुख त्यौहारों में से एक है।
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दिपावली को दीप का
त्यौहार भी कहा जाता है।
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दिवाली इसलिए मनायी जाती
है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम 14 साल
का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।
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भगवान श्री राम के वापिस
अयोध्या लौटने की खुशी में वहां के लोगों ने इस दिन को दीवाली के रूप में मनाया।
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दिवाली का त्यौहार हर
साल अक्टूबर या नवम्बर माह में आता है।
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इस दिन पूरे भारत को
दुल्हन की तरह सजाया जाता है।
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दीवाली की शाम भगवान
लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।
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इन दिन सभी लोग अपने
घरों,
दुकानों, दफ्तरों आदि में दीप जलाते
हैं।
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दीवाली के दिन सभी लोग
अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को मिठाई, गिफ्ट
आदि देते हैं।
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इन दिन बहुत से लोग
पटाखे,
फुलझड़ी, बम आदि भी जलाते हैं।