How To OvercomePersonal and Social Barriersto Communication.
संचार क्या है ? What is Communication?
भाषायी संचार एक ऐसी चीज़ है जो लोगों को अपने दिमाग की बात दूसरों तक पहुंचाने में मदद करता है। इसमें हम बोलकर या लिखकर अपने ख्याल, जज़्बात और जानकारी एक-दूसरे से बांटते हैं। इंसानों के बीच बातचीत का यह सबसे ताकतवर तरीका है।
भाषायी संचार के दो मुख्य तरीके होते हैं:
1. मौखिक संचार (Verbal Communication): इसमें हम शब्दों की आवाज़ का इस्तेमाल करते हैं। यह आमने-सामने, गपशप, फोन पर बात, भाषण देना, या गाना गाना हो सकता है।
2. लिखित संचार (Written Communication): इसमें हम अक्षर, शब्द और वाक्य लिखते हैं। यह चिट्ठी,ईमेल, किताबें, लेख या ब्लॉग लिखना हो सकता है।
निर्णय का डर - लोग अपनी असली सोच और भावनाएं छुपा लेते हैं। वे डरते हैं कि दूसरे उन्हें गलत समझेंगे या उनकी आलोचना करेंगे। यह डर उन्हें खुलकर बात करने से रोकता है।
कम आत्मसम्मान हमें बोलने से रोक सकता है। जब हम खुद पर और अपने विचारों पर भरोसा नहीं करते, तो हम बात करने से कतराते हैं। आत्मविश्वास की कमी हमारी बोलने की क्षमता पर असर डालती है। हम अपने आप को कमतर आंकते हैं और इसलिए चुप रहना पसंद करते हैं। यह डर हमें अपने विचार व्यक्त करने से रोकता है। हम सोचते हैं कि हमारी बात का कोई महत्व नहीं होगा। इस तरह का आत्मसंदेह हमारी आवाज को दबा देता है।
सक्रिय रूप से लोगों को न सुनना हमें उनके नजरिए को असल में समझने से रोकता है। यह सुनने की कमजोर क्षमता दिखाता है। इससे हम दूसरों के विचारों को ठीक से नहीं समझ पाते। जब हम ध्यान से नहीं सुनते, तो हम महत्वपूर्ण जानकारी खो देते हैं। यह बातचीत में बाधा डालता है और गलतफहमी पैदा कर सकता है। अच्छे श्रोता बनना संवाद का एक जरूरी हिस्सा है।
जल्दबाजी में निर्णय लेना या दूसरों के कहे को गलत समझना आसानी से अफवाहें फैला सकता है। लोग बिना सोचे-समझे किसी बात को सच मान लेते हैं या फिर किसी की बात का मतलब कुछ और ही निकाल लेते हैं। इससे गलतफहमियाँ पैदा होती हैं और लोगों के बीच में दूरियाँ बढ़ती हैं। इसलिए किसी भी बात को सुनकर उस पर तुरंत प्रतिक्रिया देने से बचना चाहिए।